Wednesday, May 8, 2024

Primitive and Non-primitive data structure प्रिमिटिव एवं नॉन-प्रिमिटिव डाटा स्ट्रक्चर

 Primitive data structure :- This type of data structure are very old and defined during creation of programming language. These are also called basic or fundamental data structure/data type. These data structures are working on machine code of program.Various computer and programming languages have various representation of primitive data structure.

Example- char, int, float, double,pointer etc.
इस प्रकार के डाटा स्ट्रक्चर पुरातन या प्राचीन होते है एवं इन्हें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार करते समय परिभाषित किया जाता है। इन्हें मूलभूत डाटा स्ट्रक्चर या डाटा टाइप भी कहा जाता है, ये प्रोग्राम के मशीन कोड पर कार्य करते है।भिन्न-भिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में, इन्हें भिन्न-भिन्न रूपों में प्रदर्शित किया गया है।   
उदाहरण:- करैक्टर, इन्टिजर, फ्लोट, डबल इत्यादि। 

Non-Primitive data structure :- This type of data structures are non primitive(new) , latest and sophisticated. it is formed with the help of primitive data structure. It can also store two or more types of data elements. These are also called ADT (Abstract Data Type) or user defined data structures. Operations performed on data elements of these data structures are predefined and user cannot allow to make any change in it.
Example :- array, stack, queue, linked list, tree, graph.
इस प्रकार के डाटा स्ट्रक्चर नवीनतम एवं परिष्कृत होते है एवं इन्हें मूलभूत(प्रिमिटिव) डाटा स्ट्रक्चर या डाटा टाइप की सहायता से तैयार किया जाता है। इन्हें ADT (एबस्ट्राक्ट डाटा टाइप) या यूजर डिफाइंड डाटा स्ट्रक्चर भी कहा जाता है। इन पर किये जाने वाले ऑपरेशन पूर्व निर्धारित होते है एवं यूजर उनमे परिवर्तन नहीं कर सकता है।
उदाहरण:- अरे, स्टैक, क्यू, लिंक्ड लिस्ट, ट्री, ग्राफ इत्यादि। 

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